Quantcast
Channel: ईद
Browsing all 190 articles
Browse latest View live

अठारहवां रोजा : नेक रोजादार, जन्नत के हकदार

कुरआने-पाक की सूरह 'हूद' की तेईसवीं आयत (आयत नंबर-23) में जाहिर कर दिया गया है- 'जो लोग ईमान लाए और नेक अमल किए और अपने परवरदिगार के आगे आजिजी (याचना) की, यही साहिबे-जन्नत (स्वर्ग के अधिकारी यानी पात्र...

View Article


उन्नीसवां रोजा : अल्लाह भी उन्हें याद रखता है...

कुरआने-पाक के पहले पारे (अध्याय-एक) की सूरह 'अलबकरह' की आयत नंबर एक सौ बावन (आयत-152) में खुद अल्लाह (ईश्वर) का इरशाद (आदेश) है-

View Article


बीसवां रोजा : बने अल्लाह के फर्मांबरदार

बीसवां रोजा दरअसल मगफिरत (मोक्ष) के अशरे (कालखंड) की आख़िरी कड़ी है। जैसा कि पहले भी बयान किया जा चुका है कि ग्यारहवें रोज़े से शुरू होकर बीसवें रोज़े तक की बीच के दस दिनों की रोजादार की परहेज़गारी, इबादत,...

View Article

इक्कीसवां रोजा : दोजख से निजात का अशरा

इक्कीसवें रोजे से तीसवें रोजे तक के दस दिन/दस रातें रमजान माह का आख़िरी अशरा (अंतिम कालखंड) कहलाती है। चूंकि आख़िरी अशरे में ही लैलतुल क़द्र/शबे-क़द्र (वह सम्माननीय रात की विशिष्ट रात्रि जिसमें अल्लाह यानी...

View Article

बावीसवां रोजा : अल्लाह को पुकारने का तरीक़ा

हर मज़हब की इबादत का अपना ढंग होता है। इसके अलावा हर मज़हब में ऐसी कोई न कोई रात या कुछ ख़ास बातें इबादत के लिए मख़्सूस (विशिष्ट) होती हैं जिनकी अपनी अहमियत होती है।

View Article


तेवीसवां रोजा : अल्लाह देता है पाकीजगी की तौफीक

रमजान का आखिरी अशरा चूंकि दोजख (नर्क) से निजात (मुक्ति) का है, इसलिए जेहन में यह सवाल उठना बहुत कुदरती बात है कि जहन्नुम (नर्क) की आग से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाएं?

View Article

रमजान में छुपा संदेश....

बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत...

View Article

चौबीसवां रोजा : नेक बंदे की इबादत ही आखिरत की पूंजी

कुरआने-पाक की सूरह अल आला की सोलहवीं और सत्रहवीं आयत (आयत नंबर 16-17) में ज़िक्र है- 'मगर तुम लोग दुनिया की जिंदगी को अख्तियार करते हो, हालांकि आखिरत बहुत बेहतर और पाइन्दातर है।' इन पाकीजा आयतों की...

View Article


पच्चीसवां रोजा : गुरूर अल्लाह को नापसंद

अल्लाह की मेहरबानी से माहे-रमजान का कारवां पच्चीसवें रोजे तक पहुंच गया है। दोजख से निजात का अशरा (नर्क से मुक्त का कालखंड) चल रहा है। तरावीह (रमजान की रातों में की जाने वाली विशेष नमाज या प्रार्थना जो...

View Article


छब्बीसवां रोजा : कुरआने पाक नाजिल की मुकद्दस रात

जिस दिन छब्बीसवां रोजा होता है, उस तारीख़ को माहे-रमजान की सत्ताईसवीं रात होती है। इस रात को ही अमूमन शबे-कद्र (अल्लाह की मेहरबानी की खास रात) शुमार किया जाता है। हालांकि हदीसे-नबवी में जिक्र है कि...

View Article

सत्ताइसवां रोजा : रहमत बरस रही हैं माहे मुबारक में

आज सत्ताईसवां रोजा है। कल छब्बीसवां रोजा और शबे-क़द्र की तलाश (सत्ताईसवीं रात) साथ-साथ थे। यहाँ यह बात जानना जरूरी है कि छब्बीसवाँ रोजा जिस दिन होगा, उसी शाम गुरुबे-आफ़ताब के बाद (सूर्यास्त के पश्चात)...

View Article

अट्ठाईसवां रोजा : जन्नत का हकदार

क़ुरआने-पाक के तेईसवें पारे (अध्याय-23) की सूरह 'सफ्फात' की पचहत्तरवीं आयत में अल्लाह का इरशाद (आदेश) है- 'और हमको नूह ने पुकारा सो हम खूब फरियाद सुनने वाले हैं।' इस आयत की रोशनी में अट्ठाईसवां रोजा...

View Article

उन्तीसवां रोजा : अपने मुल्क के लिए करें दुआ

आज उन्तीसवां रोज़ा है। अगर ईद का चांद आज शाम को नज़र आता है तो माहे-रमज़ान के आख़िरी अशरे यानी दोज़ख से निजात के अशरे (नर्क से मुक्ति का कालखंड) का यह आख़िरी रोज़ा होगा। लेकिन आज चांद नज़र नहीं आता है तो...

View Article


तीसवां रोजा : ईद की नमाज से पहले सदका-ए-फित्र अदा करें

ईद का त्योहार इंसानी बराबरी का पैगाम देता है। सब एक-दूसरे की खुशी में शरीक हों, इसके लिए जकात, फित्र का प्रावधान दिया गया। गरीबों, मिसकीनों को इतना माल दे दिया जाए कि वे ईद की खुशियों से मेहरूम (वंचित)...

View Article

ईद के दिन के इनाम और सुन्नतें

रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फितर मनाई जाती है। ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फितर और ईद उल जुहा। रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद...

View Article


रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है ईद

सिवइयां में लिपटी मोहब्बत की मिठास का त्योहार ईद-उल-फितर भूख-प्यास सहन करके एक महीने तक सिर्फ खुदा को याद करने वाले रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है। मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व...

View Article

ईद-उल-फित्र : मुरादें पूरी होने का दिन

'ईद-उल-फित्र' दरअसल दो शब्द हैं। 'ईद' और 'फित्र'। असल में 'ईद' के साथ 'फित्र' को जोड़े जाने का एक खास मकसद है। वह मकसद है रमजान में जरूरी की गई रुकावटों को खत्म करने का ऐलान। साथ ही छोटे-बड़े, अमीर-गरीब...

View Article


नमाज़ का असल मकसद

रमज़ान अल्लाह तबारक व तआला की तरफ से ईनाम लेने का महीना है। इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान बताए गए हैं। कलिमा-ए-तयैबा, नमाज, रोजा, जकाम और हज। इस्लाम मज़हब में पांच वक्त की नमाज़ फर्ज़ है, याने पढ़ना...

View Article

डॉक्टर की सलाह के बिना रोजा ना रखें मधुमेह और दिल के मरीज

मुस्लिमों का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है और इस बार रोजे गर्मी के मौसम में करीब 15 घंटे से अधिक के हो रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि दिल और मधुमेह के मरीज खासतौर पर सतर्क रहें और अपने चिकित्सक की...

View Article

खत्म हो रही है 'सेहरी' के लिए जगाने की मजबूत रवायत

माह-ए-रमजान में ‘उठो सोने वाले सेहरी का वक्त है उठो अल्लाह के लिए अपनी मगफिरत के लिए...’ जैसे पुरतरन्नुम गीत गाकर लोगों को सेहरी के लिए जगाने वाले फेरीवालों की सदाएं वक्त के साथ बेनूर होते समाजी दस्तूर...

View Article
Browsing all 190 articles
Browse latest View live