हुजूर ने फरमाया कि 'रमजान के महीने में एक ऐसी रात है, जो हजार महीनों से ज्यादा बेहतर है।' इस रात से मुराद लैलतुल कद्र है। जैसा कि खुद कुरआन मजीद में है कि 'हमने इस कुरआन को शब-ए-कद्र में नाजिल किया है और तुम क्या जानो कि शब-ए-कद्र क्या चीज है। ...
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