हजार महीनों से बढ़कर लैलतुल कद्र
हुजूर ने फरमाया कि 'रमजान के महीने में एक ऐसी रात है, जो हजार महीनों से ज्यादा बेहतर है।' इस रात से मुराद लैलतुल कद्र है। जैसा कि खुद कुरआन मजीद में है कि 'हमने इस कुरआन को शब-ए-कद्र में नाजिल किया है...
View Articleबेइंतिहा खुशी का दिन है ईद
रमजान शरीफ में पूरे महीने इबादत करने के बाद बंदे को अल्लाह की तरफ से ईनाम ईद के दिन मिलता है। शरीयत के मुताबिक ईद के दिन से ज्यादा खुशी का दिन और कोई नहीं। यूं तो ईद साल में दो बार आती है। रमजान के बाद...
View Articleबकरीद : कुर्बानी का फर्ज
बकरीद अर्थात ईद-उल-जुहा मुसलमानों का प्रमुख त्योहार है। इस दिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र के बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। बकरीद पर खरीददार बकरे, नए कपड़े, खजूर और सेवईयाँ खरीदते हैं। बकरीद पर कुर्बानी देना...
View Articleईद उल अजहा : कुर्बानी का इतिहास
ईद उल अजहा पर कुर्बानी दी जाती है। यह एक जरिया है जिससे बंदा अल्लाह की रजा हासिल करता है। बेशक अल्लाह को कुर्बानी का गोश्त नहीं पहुँचता है, बल्कि वह तो केवल कुर्बानी के पीछे बंदों की नीयत को देखता है।...
View Articleइस्लाम मजहब में ईदे-अजहा का महत्व
ईदे-अजहा के दिन आमतौर से बकरे की कुर्बानी की जाती है। इस्लाम मजहब में दो ईदें त्योहार के रूप में मनाई जाती हैं। ईदुलब फित्र जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है और दूसरी ईद है बकर ईद। इस ईद को आम आदमी बकरा ईद...
View Articleहज और बकरीद
अरबी में त्याग, बलिदान और कुर्बानी का त्योहार बकरीद को ईदुल अजहा कहा जाता है। यह दिन हजरत इब्राहीम की कुर्बानियों की याद में दी जाने वाली कुर्बानी का दिन है और हज का दिन भी है। हजरत इब्राहीम ने जब अपने...
View Articleक्यों मनाते हैं ईदुल-अजहा
ईदुल-अजहा पैगंबर हजरत इब्राहीम अलेहिस्सलाम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माईल अलेहिस्सलाम की कुर्बानी देने की यादगार है। मुसलमानों के लिए अल्लाह ने खुशी मनाने के लिए साल में मुकर्रर दो ईद...
View Articleरमजान के इनाम, जो हमको मिले हैं
हजरत अबू हुरैरह रजिअल्लाहु तआला अन्हू ने हुजुरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को फरमाते हुए सुना कि मेरी उम्मत को रमजान शरीफ में पांच चीजों अल्लाह पाक ने खास तौर पर दी हैं, जो दूसरी उम्मतों को...
View Articleरोजा क्या है और इसे कैसे रखें...
रोजा अल्लाह की इबादत का एक तरीका है। रोजा का अर्थ सिर्फ भूखा-प्यासा रहना नहीं है। रोजा के दौरान हमको खाने-पीने से तो बचना ही है लेकिन पेट के अलावा हमारे पूरे बदन का रोजा होता है, जैसे हमारी आंख का...
View Articleआत्मा को पाकीजगी देता है रमजान
रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत दे रहे हैं। हर बंदे को सभी प्रकार की बुराई से दूर रखकर...
View Articleरोजे़ में क्या करें
हजरत मोहम्मद सल्ललाहू अलै. ने फरमाया- 4 बातों को इस महीने में खूब करो, जिनमें से 2 चीज़े अल्लाह को राज़ी करने के लिए हैं वह यह कि पहला कलिमा खूब पढ़ो और अस्तग़फार खूब पढ़ो।
View Articleरमज़ान के दिनों की बरकत
रमज़ान बड़ी बरकतों वाला महीना है। इसमें 29 या 30 दिन होते हैं। इनको तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत वाला, दूसरा अशरा मग्िफरत वाला और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खलासी का है। हर अशरे को 10...
View Articleरमज़ान : एक प्रशिक्षण शिविर
ईश्वर ने जब इस्लाम को समस्त मानव जाति के लिए मार्गदर्शन बनाकर अपने अंतिम ईशदूत हज़रत मुहम्मद (सल्ल) के माध्यम से कुरआन के रूप में भेजा, तो उसने मुसलमानों को इस सत्य से अवगत भी कराया कि तुमसे...
View Articleरमज़ान की अहमियत
अल्लाह पाक ने सारी आसमानी किताबें रमज़ान के महीने में ही उतारी। कुरान पाक लौहे महफ़ूज से दुनिया वाले आसमान पर पूरा का पूरा इसी महीने में उतारा गया और वहां से 23 साल में हालात के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा...
View Articleईद की नमाज से पहले अदा करें सदका-ए-फित्र
रमजान माह में आने वाला ईद का त्योहार इंसानी बराबरी का पैगाम देता है। सब एक-दूसरे की खुशी में शरीक हों, इसके लिए जकात, फित्र का प्रावधान दिया गया। गरीबों, मिसकीनों को इतना माल दे दिया जाए कि वे ईद की...
View Articleईद का चांद देखते ही फित्र देना वाजिब
वह शख्स जिस पर जकात फर्ज है उस पर फित्र वाजिब है। यह फकीरों, मिसकीनों (असहाय) या मोहताजों को देना बेहतर है। ईद का चांद देखते ही फित्र वाजिब हो जाता है। ईद की नमाज पढ़ने से पहले इसे अदा कर देना चाहिए।
View Articleखुदा का इनाम है 'ईद-उल फितर'
रमजान माह की इबादतों और रोजे के बाद जलवा अफरोज हुआ ईद-उल फितर का त्योहार खुदा का इनाम है, मुसर्रतों का आगाज है, खुशखबरी की महक है, खुशियों का गुलदस्ता है, मुस्कुराहटों का मौसम है, रौनक का जश्न है।
View Articleजानिए रमज़ान की अहमियत
सारी आसमानी किताबें अल्लाह पाक ने रमज़ान के महीने में ही उतारी। कुरान पाक लौहे महफ़ूज से दुनिया वाले आसमान पर पूरा का पूरा इसी महीने में उतारा गया और वहां से 23 साल में हालात के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा...
View Articleरमज़ान : एक प्रशिक्षण शिविर
ईश्वर ने जब इस्लाम को समस्त मानव जाति के लिए मार्गदर्शन बनाकर अपने अंतिम ईशदूत हज़रत मुहम्मद (सल्ल) के माध्यम से कुरआन के रूप में भेजा, तो उसने मुसलमानों को इस सत्य से अवगत भी कराया कि तुमसे...
View Articleबरकतों वाला महीना है रमज़ान
रमज़ान बड़ी बरकतों वाला महीना है। इसमें 29 या 30 दिन होते हैं। इनको तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत वाला, दूसरा अशरा मग्िफरत वाला और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खलासी का है। हर अशरे को 10...
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